The Basic Principles Of ऑफिस में करें ये काम बने रहेंगे स्वस्थ

Wiki Article



सुखासन करने के लिए आप सबसे पहले अपने दोनों पैरों को मोड़कर पालथी मारकर बैठ जाएं। 

These cookies allow us to count visits and visitors resources so we can evaluate and Enhance the efficiency of our internet site. They help us to know which internet pages are the most and the very least popular and find out how readers shift across the website.

नेहरू जी के जमाने में नारा चला था- ''आराम हराम है", 'काम करो, काम करो''। यह नारा पं. नेहरू ने ही दिया था। मनुष्य का जीवन जटिल होता जा रहा है। हर कोई सबसे आगे पहुंचने की दौड़ में लगा है। काम और आराम, दोनों ही मनुष्य के विकास के लिए जरूरी हैं। कुछ लोग आराम काे ज्यादा महत्व देते हैं, तो कुछ काम को। और ऐसा ही नहीं कुछ लोग तो काम ही नहीं करना चाहते हैं। लेकिन बिना दोनों में संतुलन बनाएं आप आपने जीवन को सही दिशा कभी नहीं दे पाएंगे। इस दौड़ती-भागती जिंदगी में दोनों का महत्वपूर्ण स्थान है। तो चलिए जानते हैं इंग्लिश के एक नए शब्द को जो काफी चलन में है और वह है -

ऑफिस में काम करते हुए तनाव से दूर रहना नामुमकिन-सा है. हालांकि, यही तनाव आपको बेहतर प्रदर्शन करने में मदद भी करता है. लेकिन अत्यधिक होने पर आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है.

आचार्य चाणक्य ने ऑफिस से जुड़ी कई ऐसी नीतियां बताई हैं जिनका पाालन करने से व्यक्ति आसानी से सफलता हासिल कर सकता है। साथ ही ऑफिस में सबका चहेता भी बना रह सकता है।

इस देश ने सबसे कठोर समलैंगिकता विरोधी कानून को दी मंजूरी, मौत की सजा तक का प्रावधान

ऑफिस या पढ़ाई के वक्त नींद आने पर आप थोड़ी देर टहल भी सकते हैं. इससे आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक होने लगेगा और आप फ्रेश फील करेंगे. इसलिए कभी भी एक जगह पर ज्यादा देर नहीं बैठना चाहिए. चाय या कॉफी नींद से बचने के लिए आप चाय या कॉफी का सहारा ले सकते हैं.

‘पीएम मोदी के नेतृत्व के कारण दुनिया नया भारत देख रही है’, एस जयशंकर बोले- यह मेरे लिए एक नई शुरुआत

महंगे फेशियल से ज्‍यादा ग्‍लो देगी फिटकरी, झुर्रियां और ड्राई स्किन से मिलेगा छुटकारा

सवाल जवाब: जानिए कौन है स्वरभानु और राहु-केतु से क्या है संबंध

"वर्कोहलिक''। इसे हिन्दी में काम का नशा या काम की धुन कहा जा सकता है। इसके तहत व्यक्ति बस काम ही काम में डूबा रहता है। इस तरह का भूत उस पर सवार रहता है जिसके कारण वह जिंदगी से कटता चला जाता है। अब तो विज्ञान ने भी सिद्ध किया है कि एक ही चीज के पीछे पड़े रहना हमें अन्य बातों के प्रति नीरस बना देता है, जिससे जीवन के अंतिम वर्ष यातना भरे हो सकते हैं। माना कि काम करना जीवन चलाने के लिए जरूरी है। काम नहीं करेंगे तो हमारे दायित्वों को कौन पूरा करेगा, मगर शरीर से काम ही काम करवाते रहेंगे तो थकान आने लगेगी। इसी थकान को दूर करने के लिए विश्राम भी click here जरूरी है। हर व्यक्ति के लिए आराम के मायने अलग-अलग होते हैं। कई लोग सोचते हैं कि ढेर सारी धन-दौलत हो तो जिंदगी बड़े मजे से कटेगी। कोई टेंशन नहीं होगा, बस आराम ही आराम। पर मनोवैज्ञानिकों के अनुसार आराम का अर्थ तनावरहित जिंदगी है। देखें कि इस अस्त-व्यस्त दिनचर्या, काम की दौड़ा-दौड़ी और दिमाग के पस्त होने जैसी समस्याओं से कैसे निपटा जाए।

आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप ऑफिस या पढ़ते वक्त नींद की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.

दक्षिण कन्नड़ जिले से पांच बार के विधायक हैं खादर, कभी हारे नहीं

All information these cookies collect is aggregated and for that reason anonymous. If you do not let these cookies we might not know when you have frequented our website, and might not be in a position to monitor its overall performance.

Report this wiki page